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प्राचार्य संदेश

मैंने 8 सितम्बर 2023 को केन्द्रीय विद्यालय, बीएसएफ, रामगढ़ के प्राचार्य के रूप में जिम्मेदारी संभाली। मैं मंच के माध्यम से सभी अभिभावकों, स्टाफ के सदस्यों और छात्रों को शुभकामनाएं देता हूँ। अतीत की भलाई को सम्मान और आगे ले जाना और भविष्य की योजनाओं में वर्तमान को बुनना हमारा कर्तव्य है। शिक्षा के नए रुझान एक अनुशासित तरीके से मानव संसाधनों के पूर्ण उपयोग का संकेत देते हैं, इस प्रकार एक समग्र मानव को आकार देते हैं, जो ज्ञान, जिज्ञासा, साहस, आत्मविश्वास और समझ में वृद्धि जारी रखता है। समय की आवश्यकता यह है कि हम सभी – शिक्षक, अभिभावक और छात्र– पुनर्जागरण करना सीखें, पुनर्जन्म लें और उभरते समय के साथ तालमेल बनाए रखें। संज्ञान में इस तथ्य के साथ, मुझे यकीन है कि केवी बीएसएफ, रामगढ़, केवीएस के तत्वावधान में पनप रहे संस्थानों की श्रृंखला के लिए एक मजबूत कड़ी बनाने के लिए तैयार है। आज हमें एक ओर तेजी से बदलते वैश्विक दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनने की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। समय के साथ-साथ नैतिक मूल्यों का परीक्षण और सम्मान करना। हमें शांति और दृढ़ विश्वास के साथ आगे बढ़ने का साहस करना चाहिए, चाहे वह बाधा ही क्यों न हो। मैं शिक्षकों से शिक्षा के हितधारकों के रूप में आह्वान करता हूं कि वे हमारे छात्रों के मन और आत्मा को ज्ञान की तलाश में प्रतिमान बदलाव के लिए रोशन करें। जीने के तरीके से अनुकूलित करें, छात्र को सकारात्मक और रचनात्मक तरीके से आसपास की दुनिया को पूरा करने के लिए तैयार करना। प्रिय छात्रों, जीवन एक बाधा दौड़ है। स्वयं के लिए एक आला बनाने के लिए लोगों की क्षमताओं में विश्वास की एक मजबूत भावना की आवश्यकता होती है, लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प और सही रास्ते पर दृढ़ रहने के लिए वर्तमान समय में काम के प्रति समर्पण और समर्पण की एक मजबूत भावना की मांग करते हैं, प्रतिकूल परिस्थितियों में ताकत हासिल करने के लिए जीवन के लिए आशावादी दृष्टिकोण। प्रिय अभिभावकों घर वह स्थान है जहाँ प्रेम, करुणा जैसे गुण होते हैं; सहिष्णुता और सद्भावना की खेती की जाती है। अपने बच्चे के पोषण में अपना प्यार, देखभाल और गुणवत्ता का समय डालें। मैं छात्रों को सार्थक शिक्षा प्रदान करने में आपके सहयोग और बहुमूल्य सुझावों की प्रतीक्षा करता हूं। आइए, हम अपने घर स्कूल और समाज से हाथ मिलाएँ ताकि मानव-परमात्मा के सबसे अनमोल उपहार का विकास हो सके। हो सकता है हमारा विद्यालय परिवार सच्चा ज्ञान प्राप्त कर रहा हो।